"दिल से शायर, पेशे से सॉफ्टवेर इंजीनियर और संयोग से फोटोग्राफर" कुछ इस तरह खुद को परिभाषित करता हूँ। नाम पीयूष है और तख़ल्लुस रखता हूँ: 'प्यार'। कोशिश रही है कि रचनाओं में पीयूष का 'प्यार' और प्यार का 'पीयूष': दोनों झलकें। बहुत उम्दा तो नहीं लिखता पर उम्मीद है पाठकगण, कि आपका मनोरंजन कर सकता हूँ। अभियक्ति कुछ ऐसी है कि खुद को शृंगार रस का कवि कहता हूँ।
Piyush Rahate 'Pyaar' |
9789381696170 |
$15 |